ये 5 आदत आंखों के लिए नुकसानदायक

आंखें हमारे शरीर का सबसे जरूरी और नाजुक अंग हैं। बदलती लाइफस्टाइल, घंटों स्क्रीन के सामने बैठना और पोषण की कमी के कारण आजकल आंखों से जुड़ी समस्याएं आम हो गई हैं। मौजूदा समय में लोग जिस तरीके का लाइफस्टाइल जी रहे हैं, वह दिन दूर नहीं जब उनकी आंखों के सामने अंधेरा छा जाएगा।
यदि आप यह अनुभव नहीं करना चाहते है, तो तुरंत इन 5 आदतों को सुधार कर अपनी आंखों की रोशनी को बचा सकते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं किन 5 आदतों को सुधार कर आंखों की रोशनी को बचा सकते हैं।
ये 5 आदत आंखों के लिए नुकसानदायक
लंबे समय तक स्क्रीन का उपयोग
आपको बता दें कि, मौजूदा समय में में स्मार्टफोन, कंप्यूटर, और टैबलेट का उपयोग बढ़ता जा रहा हैं। इन स्क्रीन पर लंबे समय तक काम करना आंखों पर भारी पड़ सकता हैं। स्क्रीन की नीली रोशनी और लगातार फोकस की वजह से आंखों में थकावट, ड्राईनेस और दृष्टि संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
इसके लिए आप 20-20-20 नियम को अपना सकते हैं। हर 20 मिनट में, 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर किसी चीज को देखें। ये आंखों की मांसपेशियों को आराम देता है, तनाव को कम करता है।
अनहेल्दी खान पान
जैसा कि आप जानते है कि, हमारे आहार का सीधा असर आंखों के स्वास्थ्य पर पड़ता है। विटामिन A, C, और E जैसे पोषक तत्व आंखों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
यदि आपका आहार इन विटामिन्स और अन्य पोषक तत्वों की कमी से ग्रस्त है, तो यह आंखों की कमजोरी का कारण बन सकता है। हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर, और अंगूर जैसे फल आंखों के लिए लाभकारी होते है।
नियमित आंखों की जांच न कराना
आंखों की नियमित जांच से किसी भी संभावित समस्याओं का जल्दी पता लगाया जा सकता है। यदि आप आंखों में लगातार समस्याएं महसूस कर रहे हैं, जैसे कि धुंधली दृष्टि, सिरदर्द, या आंखों में जलन, तो इसे नजरअंदाज न करें। नियमित आंखों की जांच से आपको समय पर उपचार प्राप्त हो सकता है और आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखा जा सकता है।
अस्थमा से लेकर नींद की समस्या पर कारगर है ये अनुलोम-विलोम प्राणायाम, करें रोजाना
पर्याप्त नींद न लेना
नींद का कमी आंखों के स्वास्थ्य पर भी असर डालती है। पूरी नींद की कमी से आंखों में सूजन, काले घेरे, और दृष्टि में धुंधलापन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। हर रात 7-8 घंटे की नींद लेना आवश्यक है ताकि आंखों को पूरी तरह से आराम मिल सके।
आंखों को UV किरणों से बचाएं
सूरज की रोशनी बहुत तेज होती है, खास तौर पर गर्मियों के मौसम में। यूवी किरणें मोतियाबिंद और आंखों से जुड़ी दूसरी बीमारियों के लिए मुख्य कारण हैं। इसलिए इससे आंखों को बचाना जरूरी हो जाता है।