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मंदिर में गलती से भी प्रसाद या फूल पर पैर पड़ जाए तो क्या करें, जानिए प्रेमानंद जी महाराज की वाणी

हिन्दू धर्म में पूजा पाठ का बड़ा महत्व होता है। जब हम मंदिर जाते है तो भगवान को कई चीजें चढ़ाते है जिसमे प्रसाद से लेकर माला आदि चीजें होती है। इन सामग्रियों को चढ़ाने से ईश्वर से जुड़ाव महसूस होता है और शांति, समृद्धि एवं स्वास्थ्य जैसी सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।

प्रसाद को पूजा का एक अभिन्न अंग माना जाता है जो ईश्वर की कृपा को प्राप्त करने का एक तरीका है और इसे ग्रहण करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक लाभ मिलता है। लेकिन कई बार जाने अनजाने में प्रसाद से लेकर माला आदि चीजें पैर पर पड़ जाती है।

कुछ लोग इसे नजरअंदाज कर आगे बढ़ जाते हैं तो कई लोग हाथ जोड़कर प्रणाम करते हैं। अब प्रेमानंद जी महाराज का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें उन्होंने बताया कि अगर मंदिर में अनजाने में माला या प्रसादी पर पैर पड़ जाए तो क्या करें ? आइए जानते हैं इस बारे में प्रेमानंद जी महाराज ने क्या उतर दिया।

प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, अगर अनजाने में माला या प्रसादी पर पैर पड़ जाए, तो तुरंत हाथ जोड़कर प्रणाम करें और क्षमा याचना करते हुए, उस माला या प्रसादी को उठाकर सुरक्षित स्थान पर रख दें और सच्चे हृदय से ईश्वर से प्रार्थना करें कि ऐसी गलती दोबारा न हो।

माला या प्रसादी पर पैर पड़ जाए तो क्या करें :

1. प्रणाम करें

प्रेमानंद जी महाराज कहते है कि,जाने-अनजाने में माला या प्रसादी पर पैर पड़ जाए तो सबसे पहले पैर पड़ते ही तुरंत अपने दोनों हाथ जोड़कर उस माला या प्रसादी को प्रणाम करें।

2. क्षमा मांगें

माला या प्रसादी पर पैर पड़ जाए तो मन ही मन या धीरे से क्षमा मांगें कि आपसे अनजाने में यह भूल हुई है। ऐसा करने से आपकी गलती को भगवान माफ़ करते है।

3. उठाकर रखें

अगर आपसे गलती से माला या प्रसादी पर पैर पड़ जाए तो उस प्रसाद या माला को उठाएं और किसी पवित्र स्थान पर रख दें, जैसे कि उसे सम्मानपूर्वक किसी पात्र में रखना।

4. प्रार्थना करें

माला या प्रसादी पर पैर पड़ जाए तो सच्चे हृदय से भगवान से प्रार्थना करें कि भविष्य में आपसे ऐसी कोई गलती न होगी। आपको बता दें, यह एक छोटी सी घटना हो सकती है, लेकिन उसका निवारण मन की पवित्रता और ईश्वर के प्रति श्रद्धा के साथ करना चाहिए।

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